पेशेवर भारतीय शूटर Anjali Bhagwat का जन्म 5 दिसम्बर 1969 मुंबई के एक कोंकणी परिवार में हुआ था। वह 2002 में 10 मीटर एयर रायफल वर्ल्ड नंबर वन बनी। वर्ष 2003 मिलान में उन्होंने अपना पहला विश्वा कप जीता।
अंजलि ने 31 स्वर्ण 23 रजत और 7 कांस्य पदक जीते हैं , जिसमे 13विश्व रिकॉर्ड हैं। राष्ट्रीय प्रतियोगिता में 8 नए रिकॉर्ड के साथ 55 स्वर्ण 35 रजत और 16 कांस्य पदक जीते हैं।

Anjali Bhagwat का प्रारंभिक जीवन
राष्ट्रीय केडेट कोर की स्टूडेंट अंजलि महान एथलीट कार्ल लुईस से बहुत प्रेरित थी, उनसे ही प्रेरणा लेकर उनका झुकाव खेलो की और हुआ, एन सी सी के दोरान ही वह शूटिंग से जुडी।शूटिंग के अलावा उन्हें जुडो करांटे और पर्वतारोहण में रूचि हे, खेलो में रूचि की वजह से ही उन्होंने मुंबई के कीर्ति कॉलेज में दाखिला लिया, जहाँ पर शूटिंग उनके पाठ्यक्रम का एक हिस्सा था।
एक प्रोफेसनल शूटर के रूप में अपने करियर की शुरुआत उन्होंने 1988 में की, इसी वर्ष उन्होंने राष्ट्रीय चेम्पियनशिप में भाग लिया और महारष्ट्र के लिए रजत पदक जीता।
ब्यक्तिगत जीवन
Anjali Bhagwat के दो भाई बहन हैं, वह टेनिस और क्रिकेट प्रेमी भी हैं, तंदूरी चिकन और फिश अंजलि के पसंदीदा भोजन में से हैं, योग और मैडिटेशन उनके दिनचर्या का हिस्सा हे, अष्ट्रिया उनका पसंदीदा डेस्टिनेशन हे जहाँ वे कई बार जा चुकी हैं, अंजलि की माँ और बहन सिंगर हे, अंजलि की माँ ने आल इंडिया रेडियो के लिए गाना भी गाया हैं।
Anjali Bhagwat का विवाह मुंबई के ब्यवसायी मंदार भागवत से वर्ष 2000 में हुआ, दम्पति का वर्ष 2010 में एक बेटा हुआ जिसका नाम आराध्या हे। स्पोर्ट्स की बेहतर सुविधाओं के वजह से अंजलि वर्ष 2008 में मुंबई से पुणे शिफ्ट करना पड़ा। भागवत वर्तमान में 6 शूटर्स को ट्रेनिंग दे रहीं हैं, जिसके लिए वह अपने घर में बने 10 मीटर शूटिंग रेंज का इस्तेमाल करतीं हैं।
अंजलि भागवत का केरियर
संजय चक्रवर्ती अंजलि भागवत के पहले कोच थे उनके मार्गदर्शन में उन्होंने 1988 में राष्ट्रीय शूटिंग चेम्पियनशिप में भाग लिया और अपने राज्य महाराष्ट्र के लिए रजत पदक जीता। अंजलि ने पहली बार अन्तराष्ट्रीय खेलों SAF में भाग लिया, 1999 में औकलेन्ड कोमनवेल्थ खेलों में हिस्सा लिया जहाँ उन्होंने 3 गोल्ड और 1 रजत जीता। वह भारत के लिए अंतरार्ष्ट्रीय पदक जीतने वाली पहली महिला हैं।
दिसंबर 1999 में उन्होंने तत्कालीन कोच लास्जलो के तहत प्रशिक्षण किया, भागवत ने 2001 से 2004 तक बिना कोच के प्रशिक्षण लिया और 2002 में वर्ल्ड नंबर वन बनाए में कामयाब रहीं। लास्जलो वर्ष 2006 में कोच के रूप मे राष्ट्रीय टीम से पुनः जुड़ गए, अंजलि ने वर्ष 2008 तक लास्जलो से प्रशिशन लिया। भागवत ने वर्ष 2002 में चैंपियन ऑफ़ चैंपियंस का ख़िताब जीता, जिसे वह अपने करियर का सर्वश्रेस्ठ क्षण मानती हैं।
Anjali Bhagwat वर्तमान में केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल में स्पोर्ट्स कोटे से इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत हैं।
प्रायोजक
Anjali Bhagwat अपनी शूटिंग स्पर्धाओं में 10 मीटर एयर रायफल के लिए जर्मन निर्मित रायफल Feinwerkbau का उपयोग करती हे तथा 50 मीटर के लिए .22 वाल्थर का प्रयोग कराती हैं। भागवत को पहली शूटिंग किट 1993 में बॉलीवुड अभिनेता और सहयोगी नाना पाटेकर ने प्रदान की थी। वर्ष 2000 में उन्हें हिंदुजा फाउंडेशन द्वारा प्रायोजित किया गया, और 2008 में मित्तल चैंपियंस ट्रस्ट द्वार प्रायोजित किया गया।
अवार्ड्स
- वर्ष 1992 में श्री शिव छत्रपति अवार्ड
- वर्ष 1993 में महाराष्ट्र गौरव पुरूस्कार
- वर्ष 1993 में वसन्त राव नायक प्रतिष्ठान पुरुस्कार
- वर्ष 2000 में खेलों के लिए अर्जुन अवार्ड
- वर्ष 2002 में इंडो अमेरिकन सोसाइटी यंग अचीवर अवार्ड
- वर्ष 2003 में राजीव गाँधी खेल रत्न अवार्ड
- वर्ष 2003 टाइम्स ग्रुप महाराष्ट्र शान
- वर्ष 2003 HISA सपोर्ट वुमन ऑफ़ द इयर
- वर्ष 2003 HISA स्पोर्ट्स शूटर ऑफ़ द ईयर
- वर्ष 2004 HISA स्पोर्ट्स शूटर ऑफ़ ड ईयर
- वर्ष 2005 ग्रेट 8 वुमन ऑफ़ द ईयर अवार्ड
- वर्ष 2005 टीचर्स अचीवमेंट अवार्ड
- वर्ष 2006 FIE फाउंडेशन नेशनल अवार्ड