एंग्जायटी अटैक क्या होता है ? Anxiety Attack Meaning in Hindi.

एंग्जायटी अटैक ( Anxiety attack meaning in hindi) एक मानसिक अवस्था है जिसमे ब्यक्ति को किसी भय अथवा चिंता की वजह से बैचेनी, चिड़चिड़ापन, नकारात्मक विचार, पसीना आने लगता है। आज के समय मे यह समस्या काफी देखी जा सकती है। वैसे तो भय या चिंता मनुष्य का स्वाभाविक गुण है, लेकिन जब यह समस्या लगातार बनी रहे तो यह एक मानसिक उद्वेग के रूप मे सामने आती है और इसका ठीक समय पर उपचार न किया गया तो ब्यक्ति को मिर्गी के दौरे तक पड़ सकते है।
एंग्जायटी अटैक मे ब्यक्ति को हर समय चिंता व डर की वजह से बैचेनी महसूस होता है और दिल की धड़कन तेज होने लगती है।
रोजमर्रा के जीवन मे आने वाली चिंताएं:

हम अपने दैनिक जीवन मे कुछ न कुछ समस्या का सामना करते रहते हैं। लेकिन यहीं समस्याएं आगे चलकर डिप्रेशन और एंग्जायटी अटैक (Anxiety attack meaning in hindi) के रूप मे सामने आती है यदि इनका निदान समय पर न किया जाय।
- नौकरी, परीक्षा या इंटरव्यू के वक्त होने वाली चिंता
- नौकरी खोने अथवा परीक्षा मे फेल होने की चिंता
- पब्लिक स्पीकिंग या स्टेज फियर, लोगों के सामने बोलने की घबराहट
- किसी प्रियजन के निधन से होने वाला दुख
- घर की ईएमआई, बिल्स के पेमेंट की चिंता
- कोई डर या फोबिया,
- कोई दुर्घटना होने का डर
- कोई निराशा या मायूसी
एंग्जायटी अटैक के लक्षण क्या क्या है:
कहते है चिंता चिता समान होती है। अत्यधिक व लगातार रहने वाला दुख व चिंता बहुत हानिकारक हो सकती है, यह यह एंग्जायटी अटैक का कारण बन सकती है इसके मुख्य लक्ष्य हैं,
- अत्यधिक घबराहट और दिल की धड़कन तेज होना
- गर्दन, मांसपेशियों मे खिचांव या तनाव महसूस होना
- किसी ब्यक्ति अथवा बस्तु के लिए बहुत लगाव
- पीड़ित ब्यक्ति खुद को दूसरों से अलग कर लेता है वह एकांत मे रहना पसंद करता है
- मुंह और गला सूखने लगता है बेहोशी की नौबत भी आ जाती है।
क्या बोलते हैं आंकड़े:
- भारत के गांवों की अपेक्षा शहरों मे यह समस्या अधिक देखी गयी है
- एक सर्वेक्षण के अनुसार देश की लगभग 15% आबादी एंग्जायटी से पीड़ित है
- पुरूषों की अपेक्षा महिलाओं मे यह समस्या अधिक देखने को मिलती है
- लगभग 50% आबादी ऐसी है जो नींद पूरी न होने की समस्या से ग्रसित है
- नींद पूरी न होने की वजह से होने वाली मुख्य परेशानी मे एंग्जायटी और डिप्रेशन है।
- सर्वेक्षण के मुताबिक लगभग 8% युवा एंग्जायटी से पीड़ित है।
क्या हैं एंग्जायटी के कारण ( Causes of Anxiety-Anxiety attack meaning in hindi)
अनकंट्रोलड फियर :
फियर या डर इसकी मुख्य वजह है। किसी पर्टिकुलर घटना से संबंधित डर का लम्बे समय तक रहना इसका कारण होता है। जैसे नौकरी खो देने डर, या असफल रहने का डर।
स्वास्थ्य संबंधित विकार:
किसी भी ब्यक्ति को यदि ब्लडप्रेशर, शुगर, थायरॉयड की समस्या है तब वह किसी भी डर या असफलता की वजह से एंग्जायटी अटैक का शिकार हो सकता है।
पर्सनैलिटी डिसआर्डर:
कुछ लोगों मे यह समस्या देखी जा सकती है आपने देखा होगा कुछ लोगों को कोई भी काम बिल्कुल ठीक तरह से करने की आदत होती है, हर काम उन्हें परफैक्शन की हद तक करना पसंद है, और न होने पर तनाव ग्रस्त हो जाते है।
फैमिली हिस्ट्री:
किसी ब्यक्ति के परिवार मे मानसिक रोग का इतिहास रहा हो तो उसे भी इस समस्या से ग्रसित होने की संभावना अधिक रहती है।
एंग्जायटी अटैक का ट्रीटमैंट:
सबसे पहले यह पहचानना जरूरी है कि अमुक ब्यक्ति एंग्जायटी डिसआर्डर से गुजर रहा है , उसके लक्षणों के आधार पर उसकी पहचान आसान है। ऐसे लक्षण पाये जाने पर तुरंत कि डाक्टर से परामर्श अवश्य करे। एंग्जायटी या डिप्रेशन का उपचार थोडे बहुत मेडिकल ट्रीटमेंट और पर्सनल केयर से आसानी से कर सकते हैं।
ब्यक्ति को अकेला न छोडे़:
इसमे सबसे ज्यादा जरूरी है रोगी को अकेला बिलकुल न छोड़े। चूंकि इसमे ब्यक्ति को नकारात्मक विचार आते है जिससे वह अपना अहित कर सकता है।
साइकोथेरेपिस्ट की मदद ले:
रोगी को पर्सनल केयर की जरूरत होती है। रोगी को साइकोथेरेपिस्ट को दिखायें , काउंसलिंग से इसमे अच्छा लाभ देखा गया है।
हैल्दी डाईट ले:
इस समय रोगी के खानपान का विशेष ध्यान रखे। हरी शब्जियों, दालों व ताजे फलों का सेवन करे। जंक फूड खाने से बचें। भोजन नियमित अंतराल पर लेते रहे। अनियमित खानपान मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालता है।
योग व ब्यायाम करे:
किसी भी ब्यक्ति के लिए उसकी दैनिक जीवनचर्या मे 30 मिनट योग, ब्यायाम, या सबह की सैर अत्यंत लाभकारी है।
म्यूजिक सुने:
म्यूजिक से तनाव कम होता है। इससे ब्लड प्रेशर, तनाव और थकान से राहत मिलती है। इसलिए जब भी एंग्जायटी, तनाव महसूस हो अपना पसंदीदा संगीत जरूर सुनना चाहिए।
आपने एंग्जायटी अटैक क्या होता है ( Anxiety attack meaning in hindi) , इसके सभी पहलुओं को जाना, अगर आपके पास भी कोई ब्यक्ति एंग्जायटी से पीड़ित है तो उसे सबसे ज्यादा आपकी जरूरत है। उचित सलाह और मार्गदर्शन से वह ठीक हो सकता है।
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