इमोशनल इंटेलीजेंस क्या है ? Emotional Intelligence in Hindi. Emotional Intelligence Kya hai/ What is Emotional Intelligence in Hindi / Emotional Intelligence meaning Hindi.

इमोशनल इंटेलीजेंस क्या है (Emotional Intelligence in hindi) – इंसान की बुद्धिमत्ता को नापने के लिये IQ (Intelligence Quotient ) और इंसान की भावनात्मक बुद्धिमत्ता को EQ ( Emotional Quotient ) से नापते है। किसी भी ब्यक्ति की सफलता मे उसके IQ का 20% रोल होता है शेष 80% उसके EQ ( Emotional Quotient) का रोल होता है। अब समझ गये होंगे हमारी सफलता मे भावनात्मक बुद्धिमत्ता ( EQ ) का महत्व कितना है।
Emotional Intelligence Kya Hai/ Emotional Intelligence in hindi
“किसी भी ब्यक्ति मे भावनाओं को समझने / पहचानने और उनके प्रबंधन को भावनात्मक बुद्धिमत्ता ( Emotional intelligence ( EI ) कहतें हैं।”
इंसान मे डर, दुख, गुस्सा, खुशी, आश्चर्य, उल्लास आदि भावनायें मुख्य रूप से होती है। इन भावनाओं को समझने, पहचानने, इनके उपयोग, और प्रबंधन को इमोशनल इंटेलीजेंस ( EI ) कहते हैं।
इमोशनल इंटेलीजेंस हमारी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ दोनों को प्रभावित करती है।
किसी की भावनाओं या फिर अपनी भावनाओं को समझना, उन्हें महसूस करना, उनका प्रयोग करना और उनका प्रबंधन बौद्धिक कुशलता कहलाता है।
IQ और EI ( EQ ) के बारे मे विशेषज्ञों का कहना है IQ लेवल फिक्स होता है जबकि EI मे कुछ प्रयासों और विधियों द्वारा कुशलता हांसिल की जा सकती है।
इमोशनल इंटेलीजेंस कैसे बढ़ायें: (How to increase Emotional Intelligence in hindi)
इमोशनल इंटेलीजेंस बढ़ाकर आप अपने चुने हुये कैरियर मे सफलता प्राप्त कर सकते हैं। आप अपनी इमोशनल इंटेलीजेंस को निरंतर अभ्यास के द्वारा बढ़ा सकते हैं। इसके लिये आप विभिन्न आनलाईन कोर्स ले सकते है। विभिन्न विडियों की मदद से आप इसे बढ़ा सकते है। इसके लिये आप विख्यात मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञों द्वारा लिखित पुस्तकें भी पढ़ सकते हैं। डेनियल गोलमैन (Daniel Goleman) ने इस विषय पर बहुत काम किया है। 1995 मे उनके द्वारा लिखित बुक Emotional Intelligence मे उन्होंने इसके बारे मे विस्तार से बताया है। इमोशनल इंटेलीजेंस को बढाने के लिये आपको निरंतर इसका अभ्यास व अपने जीवन मे इसका प्रयोग करना पडता है।
नीचे कुछ विधियां दी गई हैं जिससे आप अपने EI मे सुधार ला सकते है, उसे बढा़ सकते हैं,
सेल्फ अवेयरनेस :
इसका मतलब अपने बारे मे जानकारी। इसमे आप आप अपने इमोशंस की जानकारी, उन्हें समझना व उन्हें एक लेबल प्रदान करना होता है। इसमे हमे अपने निगेटिव इमोशंस जैसे डर, दुख, एंग्जायटी को समझना होता हैं। यह हमारी मानसिक अवस्था पर किस प्रकार प्रभाव डाल रहा है।इससे हमारे ब्यवहार, विचार, निर्णय किस प्रकार प्रभावित हो रहे है यह समझना होता है।
इमोशन रेगुलेशन :
इसमे आपको अपने प्रबल इमोशंस को रेगुलेट करना होता है ताकि उससे आपको कोई नुकसान न पहुंचने पाये। आपको अपनी हर सकारात्मक और नकारात्मक भावना को समझना होगा, जानना होगा कि ये केसे आ रही है फिर उनके नियमन को समझना होगा जिससे आपका अशोभनीय या नुकसानदेह ब्यवहार सामने न आ सके।
साहनुभूति:
साहनुभूति ( Empathy ) मे यह समझना होता है कि सामने वाला ब्यक्ति क्या सोच रहा है, वह क्या महसूस कर रहा है। सामने वाले ब्यक्ति के प्रति साहनुभूति पूर्ण ब्यवहार इसमे कुशलता प्रदान करता है। दूसरों की भावनाओं के प्रति साहनुभूति पूर्व रवैया आपके अंदर कुशलता लाता है और उस ब्यक्ति को राहत पहुचाने का काम करता है। भावुक लोग आपके कार्यक्षेत्र और आपके निकट समाज, घर हर जगह होते हैं। हमारा ब्यवहार व एक्शन हमेशा लोगों पर प्रभाव डालता है।
सामाजिक कौशल:
हम सब सामाजिक प्राणी है और थोडा बहुत सामाजिक कौशल ( Social Skills ) का प्रयोग सभी करते हैं। लेकिन इसके इफेक्टिव इस्तेमाल के लिये आपकी कम्युनिकेशन स्किल बहुत शानदार होनी चाहिए जो कि आज की परिस्थितियों मे प्रोफेशनल और निजी जीवन की पहली आवश्यकता बन गयी है। अच्छी शोसल स्किल मे आप अपना मेसेज स्पष्ट और क्लियर कट तरीके से दूसरों तक पहुंचाते हैं।
इमोशनल इंटेलीजेंस के लाभ:
- इमोशनल इंटेलीजेंस से आप अपने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर रख सकते है।
- इससे आप अपने कैरियर मे बेहतर प्रदर्शन करते है और अच्छी सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
- इमोशनल इंटेलीजेंस से आप अपने पर्सनल संबन्धों को बेहतर रख सकते है। आपके रिलेशन दूसरों से अच्छे बने रहेंगे।
- इमोशनल इंटेलीजेंस के प्रयोग से आपकी वित्तीय स्थिति भी ठीक बनी रहेगी।
- इससे आप कम्युनिकेशन डेडलॉक से बच सकते हैं। बेहतर कम्युनिकेशन आपसी संबंधों मे सुधार लाता है।
संक्षेप मे कहा जा सकता है हमारे जीवन मे इमोशनल इंटेलीजेंस बहुत जरुरी है। यह हर क्षेत्र मे हमारी सफलता को सुनिश्चित करता है।
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