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Entrepreneurship in Hindi
आंत्रप्रेन्योरशिप (Entrepreneurship in Hindi) किसी भी उद्यम को सुचारू रूप से चलाने और विकसित करने की योग्यता है, जिससे कि उससे लाभ अर्जित किया जा सके।
अगर सीधे शब्दों मे कहा जाय तो किसी भी नये बिजनस को डिजाइन करना, डिवेलप करना और उसे चलाना ही उद्यमिता है। उद्यमिता का सबसे बढिय़ा उदाहरण न्यू स्टार्टअप है।
उद्यमिता क्या है ( What is Entrepreneurship- Entrepreneurship in Hindi, Entrepreneurship Meaning in Hindi )
अर्थशास्त्र के अनुसार उद्यमिता, लैंड, लेबर , नेचुरल रिसोर्सेज और केपिटल से प्रोफिट जनरेट करने को कहते है।
उद्यमिता (Entrepreneurship ) शब्द उद्यमी ( Entrepreneuer) से बना है। आंत्रप्रेन्योर वह ब्यक्ति है जो किसी भी आईडिया को बिजनस मे बदलने के सभी कार्यों को करने के लिए जिम्मेदार होता है। आंत्रप्रेन्योर जमीन, नेचुरल रिसोर्सेज, लेबर और केपिटल के कंबिनेशन से लाभ अर्जित करता है।
आंत्रप्रेन्योरशिप के लक्षण ( Characteristics of Entrepreneurship )
एक सफल आंत्रप्रेन्योर मे कुछ निहित गुण होते हैं जिनमे से कुछ मुख्य गुण निम्न हैं,
1. वह इनोवेटिव होता है ( Innovation)
एक सफल उद्योग इनोवेटिव होता है वह मार्केट को बेहतर तरीके से समझता है। वह मार्केट मे सही प्रोडक्ट को लांच करता है जिससे उद्यम के लाभ अर्जित किया जा सके।
2. रिस्क लेने की क्षमता (Ability to take risk)
किसी भी उद्यम को शुरु करने मे कुछ निहित खतरे या जोखिम होते हैं जैसे फेल्योर का खतरा। कुछ केल्कुलेटेड रिस्क लेने की क्षमता एक उद्यमी का लक्षण होता है। जिससे बिजनस को हानि पहुंचाये बिना वह अपने लक्ष्यों की पूर्ति करने मे सफल रहता है।
3. वह नेतृत्वकारी होता है (Leadership Quality)
सफल उद्यमी का विजन क्लियर होता है , एक आइडिया को बिजनस मे बदलने के लिए वर्कफोर्स की जरूरत होती है। वर्कफोर्स को बिजनस के अनुकूल मोबलाइज करने के लिए नेतृत्वकारी गुण एक मुख्य जरूरत होता है। सफल नेतृत्वकर्ता वर्कफोर्स को बिजनस के हितों के अनुकूल गाइड कर सकता है।
4. खुले विचारों वाला (Open Minded)
बिजनस मे किसी भी नयी परिस्थिति का बिजनस के हितों के अनुकूल प्रयोग किया जा सकता है। उसमे नयी परिस्थिति को ग्राह्यता का गुण होने चाहिए जिससे बिजनस के हितों को साधा जा सके।
5. अपने प्रोडक्ट की जानकारी (Know Your Product)
उद्यमी मे मार्केट की नब्ज पकडऩे की क्षमता एक अनिवार्य गुण है जिससे वह मार्केट मे उपलब्ध मौजूदा प्रोडक्ट से बेहतर उत्पाद बाजार मे ला सके अथवा अपने ही किसी प्रोडक्ट को रिप्लेस करके और बेहतरीन प्रोडक्ट बाजार मे उतार सके जिससे वह उद्यम के लिए लाभ सुनिश्चित कर सके।
आंत्रप्रेन्योरशिप के प्रकार ( Types of Entrepreneurship )
आंत्रप्रेन्योरशिप मुख्य रूप दो प्रकार का होता है,
1. छोटे उद्यम ( Small Business Entrepreneurship )
दोस्तों जब आप अपने घर के बाहन निकलते है तो जितने भी काम, धंधे आप को दिखाई देते है वो सब छोटे उद्यम की केटेगरी मे आते है, जैसे किराना स्टोर, ब्यूटीपार्लर, कंसल्टेंट, जिम, इलेक्ट्रीशियन, ट्रेवल एजेंसी आदि। इस तरह के उद्यम वह खुद चलाते है या फिर अपने परिवार वालों के साथ मिलकर चलाते है। इसके लिए वह पैसा अपने परिवार वालों या दोस्तों से लेते है। एक परिवार के लिए यह उनकी रोजीरोटी का मुख्य जरिया होता है।
1. बड़े उद्यम ( Large Company Entrepreneurship )
इनके अंतर्गत बड़ी बड़ीं कंपनियां आती है, जो अपने प्रोडक्ट को बाजार मे लाती है। इस प्रकार के बिजनेस मे चार मुख्य जरूरत होती है, लैंड, लेबर, मशीन, केपिटल, इस प्रकार के बिजनेस मे मुख्य जरूरत Key Element कैपिटल यानि पूंजी होती है, जिसे आंत्रप्रेन्योर बैंक से या फिर किसी फाइनांशियल इंस्टीट्यूशन से लोन लेकर पूरा करते है।
दोस्तों आपने उद्यमिता क्या है ( Entrepreneurship in Hindi) और उद्यमिता के लक्षण ( Characteristics of Entrepreneurship ) क्या होते है इसके बारे मे जाना। इस पर अपने विचारों को कमेंट बाक्स मे जरूर बताये।
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