फ्लैक्स सीड ( अलसी ) के फायदे और नुकसान। Flax Seeds In Hindi
दोस्तों आजकल अलसी ( Flax Seeds in Hindi ) का प्रयोग काफी प्रचलन मे हैै, कारण है इसमें पाये जानेवाले औषधीय गुण। आजकल की भागदौड़ वाली जिंदगी मे सेहतमंद रहना काफी चुनौतीपूर्ण हो गया है। अपने आप को चुस्त दुरूस्त और फिट रखने के लिये तरह तरह की जड़ीबूटियां और बीज हमारे बीच उपलब्ध है जो सेहतमंद रहने मे हमारी मदद करते है।

इन्हीं मे से एक है अलसी का बीज जो बहुत पौष्टिक होता है तथा इसका प्रयोग कई प्रकार से किया जाता है। अलसी का बीज कई प्रकार के जटिल रोगों के निवारण मे सहायक है। आज हम अलसी के बार मे विस्तार से जानेंगे।
अलसी क्या है ( Flax Seeds in Hindi)
अलसी एक छोटा बीज है जिसका उपयोग औषधि के रूप मे किया जाता है। अंग्रेजी मे इसे Flax Seeds भी कहते हैं। अलसी के बीज स्वाद मे हल्का कड़वापन लिए होते हैं। इसका उपयोग विभिन्न प्रकार की औषधि के रूप मे किया जाता है। दुनियांभर मे अलसी के बीज का तेल प्रयोग मे लाया जाता है। अपने औषधीय गुणों के कारण आज यह दुनियां मे प्रयोग मे लाये जानेवाले हर्ब्स और बीजों मे से एक है।
अलसी का पौधा ( Flax Plant – Flax Seeds in Hindi)
अलसी का पौधा झाड़ीनुमा होता हैं जिसकी ऊंचाई लगभग दो से चार फीट होती है। इसकी नुकीली पत्तियां तीन भागों मे बंटी होती है। अलसी के फूल हल्के आसमानी रंग के होते हैं इसमें भूरे रंग के बीज होते हैं। इसके बीजों के तेल का ब्यापक रुप से प्रयोग किया जाता है।
अलसी के प्रकार ( Types of Flax Seeds )
अलसी का बीज ओमेगा 3 एसिड से युक्त होता है मुख्य रूप से यह दो प्रकार का होता है,
एक पीली व सुनहरी अलसी
दूसरी भूरी व सफेद अलसी।
अलसी का उत्पादन ( Production of Flax Seeds- Flax Seeds in Hindi )
अलसी का उत्पादन सम्पूर्ण विश्व मे होता है विशेष कर कनाडा, रूस, चीन, कजाकिस्तान, भारत मे इसका उत्पादन अधिक होता है। अलसी का उत्पादन करनेवाला देश पहले नम्बर पर कनाडा तथा चीन दूसरे स्थान पर है। भारत मे इसका उत्पादन तीसरे स्थान पर है। भारत मे इसका उत्पादन मध्यप्रदेश, उडीसा, राजस्थान, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, बिहार आदि राज्यों मे इसका उत्पादन अधिक मात्रा मे होता है।
अलसी मे पाये जाने वाले पौष्टिक तत्व ( Nutrients of Flax Seeds-Flax Seeds in Hindi)
अलसी का बीज औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसमे कैल्शियम, प्रोटीन, बिटामिन सी, बिटामिन बी 6, मैग्नीशियम, पोटैशियम, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, फास्फोरस, जिंक, कोबाल्ट बिटामिन बी, बिटामिन डी, नियासिन, थायामिन आदि प्रचुरमात्रा मे पाये जाते है। इसके अलावा अलसी के बीजों मे एंटीफंगल, एंटीबायोटिक, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीहाइपरटेंसिव तत्व भी प्रचुर मात्रा मे होते हैं।
अलसी के फायदे ( Benefits – Flax Seeds in Hindi)
आईये अब बेहद गुणकारी अलसी के औषधीय गुणों के बार मे जानते है,
1. आर्थराइटिस के रोग मे उपयोगी ( Flax Seeds in Hindi )
आर्थराइटिस एक जोडें के दर्द, जैसे घुटनों मे होने वाले दर्द जिससे कोशिकाओं मे खराबी के कारण सूजन और दर्द होने लगता है ,जोडों मे जकडन और दर्द बढने लगता है। ठंड के मौसम मे यह समस्या काफी परेशान करती है। पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं को यह समस्या अधिक परेशान करती है।
इससे बचने के लिये अलसी का प्रयोग कर सकते हैं। अलसी मे पाया जाने वाला ओमेगा 3 फैटी एसिड व लिगनेन एसिड जोडों मे होनेवाली सूजन, दर्द व जकड़न को दूर करता है। इसके लिये अलसी के बीज के तेल को दही या पनीर के साथ प्रयोग कर सकते हैं।
2. वात, पित्त व कफ रोगों मे गुणकारी( Flax seed in hindi)
वात पित कफ संबंधित रोगों से लगभग सभी लोग परेशान रहते है। गलत खानपान के कारण यह समस्या रहती है। समय पर इसका इसका ईलाज न किया जाय तो यह अनेक रोगों की बजह बन जाता है। इसके लिये लिए हम अलसी की पत्तियों का प्रयोग कर सकते है।
3. कब्ज रोग मे उपयोगी ( Flax Seeds in Hindi )
कब्ज रोग से हम सभी कभी न कभी तो परेशान जरूर रहे होंगे। सामान्य कब्ज रोग का यदि समय रहते उपचार न किया जाये तो इससे गंभीर परेशानी खडी हो सकती है। इससे पूरा सिस्टम गडबडाने लगता है। इस रोग का उपचार जल्द से जल्द कर लेना चाहिए। यदि किसी को कब्ज की शिकायत है तो गर्म पानी के साथ अलसी के बीज का सेवन करना चाहिए। कुछ दिन इसका प्रयोग करनेपर यह समस्या दूर हो जाती है।
4.अलसी बबासीर रोगों मे उपयोगी
इस रोग मे शरीर की गुदा शिराओं के फूलने से शिराओं मे मस्सा या गांठ बन जाती है जिससे मल त्याग मे परेशानी होती है। बबासीर सूखी व खूनी किसी भी प्रकार की हो सकती है। बबासीर पीडा दायक होने के साथ शर्मिंदगी का कारण भी बनती है। अलसी मे फाईबर, बिटामिन सी व एंटीआक्सीडेंट तत्व होते है जो बबासीर मे फायदा पहुचाते हैं।
5. मोटापे को कम करने मे उपयोगी
वर्तमान समय मे मोटापे की समस्या एक आम समस्या है। लेकिन अगर यह हद से ज्यादा बढने लगे तो यह अनेकों अन्य बिमारियों का कारण बन जाता है जैसे हृदय रोग, हाईपरटेंशन, मधुमेह, अनिंद्रा, तनाव आदि। अतः यदि किसी का मोटापा बढ गया है तो उसे कंट्रोल करना और कम करना जरूरी है।
मोटापे को कम करने के लिये खान पान शैली मे बदलाव जरूरी है। अलसी मे फाईबर के साथ फाइटोस्टेरोल उच्च मात्रा मे होता है जो बढे कोलेस्ट्रॉल को कम करके चर्बी को कम करने की कोशिश करता है। मोटापा नियंत्रित करने के लिये अलसी को काढे के रूप मे प्रयोग कर सकते है।
6. मधुमेह मे है प्रभावी ( Flax Seeds in Hindi)
मधुमेह का कारण गलत खानपान और जीवनशैली है। मधुमेह कोई साधारण रोग नही है इससे अन्य गंभीर बिमारियां खडी हो जाती है। यह सबसे बुरा असर किडनी और आंखो पर डालती है। अलसी का उपयोग कर मधुमेह पर नियंत्रण पाया जा सकता है। इसमे आप अलसी का काढा प्रतिदिन सुबह खाली पेट कर सकते हैं।
7. डाइजेशन की समस्या को दूर करता है
खराब पाचन सिस्टम अनेक रोगों का कारण बन सकता है। इम्यून सिस्टम प्रभावित होता है जिससे अन्य गंभीर बिमारियों का शिकार हो सकते हैं। पाचनतंत्र खराब होने की अनेक वजह है जैसे शारिरीक परिश्रम न करना, गलत खानपान, घंटों बैठे बैठे काम करना आदि कारणों से हमारा पाचनतंत्र कमजोर पडता है। इस स्थिति मे कुछ भी खाओ वह डाईजेस्ट नहीं हो पाता है। इसके लिए अलसी का सेवन लाभकारी रहति है। अलसी मे फाईबर, बिटामिन सी, बिटामिन बी 6 के अलावा अन्य कई तरह के पोषक तत्व होते है जो पाचनतंत्र को ठीक रखते हैं।
इसके अलावा और भी कई समस्याओं के निदान मे अलसी उपयोगी है। अब तो आप समझ ही गये होंगे कि अलसी हमारे लिए कितनी उपयोगी है।
ये जानकारी ( Flax Seeds in hindi ) आपको कैसी लगी कमेंट करके जरूर बतायें। ये सिर्फ जानकारी भर है। इसे उपयोग मे लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर परामर्श कर ले।
और देखें:
पालक के उपयोग, फायदे और नुकसान।
कार्न फ्लोर क्या है ? बनाने की विधि,उपयोग।