Noun in hindi. संज्ञा की परिभाषा भेद एवं उदाहरण।

आज हाँ संज्ञा ( Noun in hindi) के बारे में सीखेंगे, इसमें हम संज्ञा की परिभाषा क्या है, संज्ञा कितने प्रकार की होती है, आदि के बारे में उदहरण सहित जानेंगे। यह लेख 5 , 6 , 7 , 8 , 9 ,10 के विद्यार्थियों के लिए बहुत उपयोगी है। इस लेख में हमने विस्तारपूर्वक संज्ञा के बारे में समझाया है, ध्यान से पढ़ने पर उनके बीच की बारीकियां समझ आ जाएँगी,
सबसे पहले हम संज्ञा की परिभाषा जानते हैं,
संज्ञा की परिभाषा ( Sangya ki Paribhasha )
किसी वस्तु , स्थान , प्राणी , गुण या भाव के नाम को संज्ञा कहते हैं।
इस परिभाषा में पांच शब्द आये है, आइये अब एक एक करके इनके बारे में जानते हैं,
वस्तुओं के नाम – पुस्तक, घडी, कुर्सी , थाली, रेडियो , फोन , रस्सी, चरखा , कलम, आदि
स्थान के नाम – दिल्ली, मुंबई, कानपुर, लखनऊ, बनारस, हैदराबाद, बेंगलोर, भारत, अमेरिका आदि
प्राणियों के नाम – हाथी, शेर, भालू, रमेश , चन्दन, अशोक , कमला, सीता , वरुण , विजय आदि
गुण के नाम – खट्टा, मीठा, मिठास, नमकीन, कच्चा, कड़वा , मोटा, पतला, गोरा काला, वीरता आदि
भाव के नाम – समानता , मानवता , मित्रता, बुराई, मूर्खता, सुंदरता , अपनापन आदि
संज्ञा क्या है ( What is Noun In Hindi )
जिस शब्द के द्वारा किसी वस्तु , प्राणी, स्थान , भाव या गुण का बोध होता है।
और सरल शब्दों में, संसार में जितने भी नाम है चाहे वह प्राणियों के हो, जगहों के हो या फिर किसी वस्तु के सब के सब संज्ञा हैं, और इन संज्ञाओं के गुण और भाव भी संज्ञा हैं.
उदहारण –
श्याम का रंग सांवला है।
इस वाक्य में, श्याम – ब्यक्ति का नाम , संज्ञा है,
रंग – भाव ,संज्ञा है
सांवला – गुण, संज्ञा है,
संज्ञा के भेद ( Sangya ke Bhed / Kinds of Noun )
अभीतक हम संज्ञा के बारे में जान गए है, अब हम संज्ञा के कितने भेद होते हैं ( Sangya ke Kitne Bhed Hote Hain ) ये जानेंगे ,
मुख्य रूप से संज्ञा के निम्नलिखित तीन ( Sangya ke Bhed ) भेद होते है,
- ब्यक्तिवाचक संज्ञा ( Proper Noun )
- जातिवाचक संज्ञा ( Common Noun )
- भाववाचक संज्ञा ( Abstract Nount )
ब्यक्तिवाचक संज्ञा ( Proper Noun )
जिस शब्द से किसी विशेष वस्तु, प्राणी अथवा स्थान के नाम का बोध होता है उसे ब्यक्तिवाचक संज्ञा ( Proper Noun ) कहते हैं,
राम , श्याम, सचिन, कमल, विजय आदि शब्द हमें विशेष ब्यक्तिओं का बोध करते है,
- रामायण, गीता, कुरआन, बाइबल, गुरुग्रंथ साहिब हमें विशेष धार्मिक ग्रंथों का बोध करते हैं,
- मुंबई, दिल्ली, कोकता, भारत, जापान , अमेरिका आदि शब्द हमें किसी देश विशेष का बोध करते हैं,
ये सभी शब्द ब्यक्तिवाचक संज्ञा हैं।
जातिवाचक संज्ञा ( Common Noun )
जिन शब्दों से हमें जाति या वर्ग विशेष का बोध होता है उसे जातिवाचक ( Common Noun ) संज्ञा कहते है,
जैसे – लड़का, रंग , जानवर , नदी , फूल, आदि शब्द होने किसी जाती का बोध कराते है, अतः ये सभी जातिवाचक संज्ञा है,
जैसे लड़का शब्द अनिल , मोहन, राम , श्याम विजय आदि सभी के लिए प्रयोग हो सकता है,
रंग शब्द में लाल , पीला, हरा, नीला कोई भी रंग हो सकता है,
उसी तरह जानवर शब्द हाथी , घोडा , बैल, आदि किसी के लिए भी प्रयोग हो सकता है,
नदी शब्द गंगा, कृष्णा, कावेरी, यमुना आदि में किसी के लिए भी प्रयोग हो सकता है,
भाववाचक संज्ञा ( Abstract Noun )
जो शब्द किसी संज्ञा ( वस्तु , स्थान या प्राणी ) के गुण दोष , या भाव के बारे में बताता हे उसे हम भाववाचक संज्ञा ( Abstract Noun ) कहते हैं,
जैसे – बचपन , मोटापा, सांवला , बुढ़ापा , मिठास , सुंदरता, वीरता, उत्साह , ईमानदारी आदि , ये सभी शब्द हमें भावों का बोध करते हैं अतः ये भाववाचक संज्ञा है।
भाववाचक संज्ञाएँ केवल महसूस की जा सकते है, इन्हे नापा नहीं जा सकता है।
अभीतक हमने संज्ञा के भेद ( Sangya ke Bhed ) के बारे में जाना कि ये तीन प्रकार के होतें है, अंग्रेजी ग्रामर के प्रभाव में आने के कारण संज्ञा के दो भेद ( Sangya ke Bhed ) और हिंदी व्याकरण में शामिल कर लिए गए है,
- द्रव्यवाचक संज्ञा ( Material Noun )
- समूहवाचक संज्ञा ( Collective Noun )
द्रव्यवाचक संज्ञा ( Material Noun )
जो शब्द किसी के पदार्थ या द्रव्य होने का बोध कराते हैं उन्हें द्रव्यवाचक संज्ञा ( Material Noun ) कहते है,
जैसे- लोहा , सोना, तांबा , स्टील, कॉपर , पीतल आदि सब द्रव्यवाचक संज्ञा है।
समूहवाचक संज्ञा ( Collective Noun )
जो शब्द किसी समूह या समुदाय का बोध करते हैं उन्हें समूहवाचक संज्ञा ( Collective Noun ) कहते है,
जैसे – कक्षा , परिवार , भीड़ , झुण्ड , जनता आदि शब्द समूहवाचक संज्ञा कहलाते हैं।
विद्यार्थियों के समूह को कक्षा कहते है,
पशुओं के समूह को झुण्ड कहते है,
चाबियों के समूह को गुच्छा कहते है,
फूलों के समूह को माला कहते है,
सैनिको के समूह को टुकड़ी कहते है,
लोगों के समूह को जनता कहते हैं ,
अभी तक आपने आपने संज्ञा के पांच प्रकार के बारे में समझ लिया होगा, अब हम आपको भाववाचक संज्ञाएँ बनाना ( Formation of Abstract Noun ) बताएँगे ,
भाववाचक संज्ञाएँ बनाना
जातिवाचक संज्ञा, सर्वनाम , विशेषण, क्रिया ,अव्यय से भाववाचक ( Abstract Noun ) संज्ञाएँ बनती है, ये भाववाचक संज्ञा के अंत में पन , ता , त्व आदि लगाने से बनती हैं,
जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा बनाना
भाई | भाईचारा | मित्र | मित्रता |
मित्र | मित्रता | ब्यक्ति | ब्यक्तित्व |
माता | मातृत्व | देव | देवत्व |
नारी | नारित्व | स्वामी | स्वामित्व |
विशेषण से भाववाचक संज्ञा बनाना
मीठा | मिठास | चतुर | चतुराई |
मधुर | मधुरता | सफल | सफलता |
अच्छा | अच्छाई | निर्धन | निर्धनता |
कठिन | कठिनाई | ऊँचा | ऊंचाई |
क्रिया विशेषण से भाववाचक संज्ञा बनाना
पढ़ना | पढाई | नहाना | स्नान |
सजाना | सजावट | रोकना | रुकावट |
लड़ना | लड़ाई | बनाना | बनावट |
सजाना | सजावट | आना | आगमन |
सर्वनाम से भाववाचक संज्ञा बनाना
सुन्दर | सुंदरता | चौड़ा | चौड़ाई |
राष्ट्रीय | राष्ट्रीयता | मुर्ख | मूर्खता |
अपना | अपनत्व | बुरा | बुराई |
पराया | परायापन | निज | निजत्व |
अव्यय (अविकारी शब्दों )से भाववाचक संज्ञा बनाना
ऊपर | ऊपरी | नीचे | नीचे |
बाहर | बाहरी | निकट | निकटता |
मन | मनाही | धिक् | धिक्कार |
नजदीक | नजदीकी | मना | मनाही |
अभी तक आप जान गए हैं,
- किसी भी ब्यक्ति, वस्तु , स्थान ,और भाव के नाम को संज्ञा कहते हैं,
- संज्ञा के मुख्यतः तीन भेद होतें हैं, जातिवाचक संज्ञा, ब्यक्तिवाचक संज्ञा , भाववाचक संज्ञा ,
- किसी स्थान या ब्यक्ति विशेष के नाम को ब्यक्तिवाचक संज्ञा कहते है,
- किसी वस्तु , स्थान या ब्यक्ति की पूरी जाती का बोध करने वाले शब्द को जाटोवाचक संज्ञा कहते है ,
- किसी भाव, गुण , क्रिया, अवस्था बोध करने वाले शब्द भाववाचक संज्ञा हैं,
- जातिवाचक संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण , क्रिया, अव्यय के अंत में, पन , ता , त्व, ई लगाने से भाववाचक संज्ञा बनती जा सकती है,
अंत में
दोस्तों अभी तक आपने संज्ञा क्या है ( Noun In Hindi ) , संज्ञा की परिभाषा ( Sangya ki Paribhasha ) संज्ञा के भेद ( Sangya ke Bhed ) के बारे में जाना, आगे भी हम इस तरह हिंदी व्याकरण से सम्बंधित लेख आपके लिए लाते रहेंगे, आप अपने विचार हमें कमेंट के माध्यम से अवश्य सूचित करें।