आपकी प्रतिक्रिया आपको महान बनाती है। Pratikriya Mahan Bana Sakati Hai. Pratikriya ka Mahatwa.

दोस्तों क्या आप जानते हैं विपरीत परिस्थितियों मे आपके द्वारा दी गयी प्रतिक्रिया का महत्व कितना (pratikriya mahan bana sakati hai) है। यह आपके पूरे ब्यक्तित्व को परिभाषित करता है। विपरीत परिस्थितियों मे आपके द्वारा दर्शाया व्यवहार आपको महान बना सकता है।
आपने देखा होगा लोग विपरीत परिस्थितियों अक्सर अपना संयम खो देते और और कुछ ऐसा कर बैठते है जिसका उन्हें पछतावा जिंदगी भर होता है। विपरीत परिस्थितियों का असर हर ब्यक्ति पर उसकी क्षमताओं के अनुसार अलग अलग होता है। और यही व्यवहार आपके पर्सनैलिटी को आकार देता है। विपरीत परिस्थितियों का असर अलग अलग तरह से किस प्रकार होता है आइये इसे एक कहानी के माध्यम से समझते हैं।
एक लड़की होती है , उसे लगता है उसकी जिंदगी बेकार हो गयी है , एक समस्या खत्म होती है दूसरी आ जाती है। वह अपने पिता से शिकायत करती है , वह लडते लडते थक गयी है। उसका जीवन दयनीय हो गया है।
उसके शेफ पिता रसोई से तीन बर्तन लेकर आते हैं। उसमे पानी भरते हैं और उसे उबालने के लिये तीन अलग अलग चूल्हों पर रख देते हैं। एक बार जब तीनों बर्तनों का पानी उबलने लगता है तब एक बर्तन मे आलू दूसरे बर्तन मे अंडा और तीसरे बर्तन मे काफी बीन्स को पीसकर डाल देते है।
इस बीच उन्होंने बेटी को कुछ नहीं कहा तथा पानी को और उबलने दिया और बेटी हैरानी से अपने पिता को देख रही थी कि वे कर क्या रहे हैं। उसे कुछ भी समझ मे नहीं आ रहा था।
लगभग पन्द्रह मिनट के बाद उसने गैस बंद कर दी और आलू को निकाल कर एक कटोरे मे रख दिया तथा अंडे को निकाल कर दूसरे कटोरे मे रख दिया। फिर उसने काफी को एक मग मे रख दिया। फिर वह अपनी बेटी की और मुड़कर बोला बेटी तुम क्या देख रही हो ?
आलू , अंडे और काफी, बेटी ने पूरी तत्परता से जवाब दिया।
उसने कहा और पास से देखो, उसने कहा आलछ को छूकर देखो, उसने छूकर देखा वे नरम पड़ चुके थे, फिर उसने अंडा लेने और उसे तोड़ने के लिए कहा, अंडे का खोल हटाकर देखा वह सख्त हो गया था। अंत मे मे उसने काफी पीने को कहा, काफी की सुगंध ने उसके चेहरे पर मुस्कान ला दी थी।
पिताजी इसका क्या मतलब है वह बोली।
फिर वह समझाते हुये कहते हैं आलू, अंडे और काफी तीनों को एक ही प्रतिकूल परिस्थिति मे रखा गया वह है उबलता पानी। तीनों को एक ही प्रतिकूलता का सामना करना पड़ा।
हालांकि तीनों ने ही अलग अलग प्रतिक्रिया दी।
आलू का मजबूत और कठोर रूप गरम पानी मे डालने पर चला गया वह नरम और ढीला पड चुका था, नाजुक अंडा था बाहरी पतला खोल इसके तरल भाग की रक्षा कर रहा था जब तक कि इसे उबलते पानी मे न डाला गया उसके बाद यह सख्त हो गया।
हालांकि काफी बीन्स का स्वरूप ही अलग था गरम पानी मे डालने पर उसने पानी का रंग रूप ही बदल दिया और कुछ नया बना दिया।
उसने अपनी बेटी से पूछा ‘ तुम कौन हो ?
जब विपत्ति आपके सामने दस्तक देती है तब आपकी प्रतिक्रिया कैसी होती है। आप आलू, अंडा या फिर काफी बीन्स ‘ है। यह आप पर निर्भर है आप क्या बनना चाहते है।
दोस्तों यह छोटी मोटीवेशनल स्टोरी ‘ प्रतिक्रिया आपको महान ( pratikriya mahan bana sakati hai) बना सकती है, इससे आपको प्रतिक्रिया का महत्व / प्रतिक्रिया का मतलब इस पता चल गया होगा। इस कहानी से सभी को कुछ सीख लेने की जरूरत है। यह कहानी आपको कैसी लगी कमेंट मे जरूर बतायें।
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