Safalta ki Kunji and Sweetness of Speech hindi, वाणी की मधुरता : सफलता की कुंजी
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वाणी की मधुरता ( safalta ki kunji and sweetness of speech hindi) से हम अपने जीवन मे आनेवाली कई परेशानियों से स्वयं ही बच जाते है वहीं दूसरी ओर तीखे बोल परेशानी का सबब बनते हैं। हम सब जानते हैं महाभारत मे द्रौपदी द्वारा दुर्योधन के प्रति कहे शब्द ‘ अंधे का पुत्र अंधा ‘ कौरव और पांडवों के बीच हुये युद्ध के लिए उत्तरदायी कारणों मे से एक था। वाणी की मधुरता ( Soft Spoken in Hindi ) का हमारे जीवन पर गहरा असर पड़ता है , यह हमारी शोशल लाइफ को बहुत प्रभावित करता है। वाणी की मधुरता का मतलब क्या है, आइये इसे समझते है ,
वाणी की मधुरता ( Soft spoken meaning in hindi )
वाणी कई मधुरता का मतलब हम अपने सार्वजनिक जीवन के दूसरों के लिए कटु शब्दों का प्रयोग न करें, दूसरों पर कटाक्ष करने से बचें, ऐसी भाषा या शब्दों का प्रयोग न करें जो दूसरों को सुनने में अच्छा न लगे , हर ब्यक्ति अपने लिए अच्छा सुनना चाहता है, अगर आपकी भाषा में मधुरता नहीं है, या फिर आप हमेशा कटु वचनो का प्रयोग करते है तब इसके निम्न दुष्परिणाम हो सकते हैं ,
- आपके सार्वजानिक सम्बन्ध ख़राब हो सकते हैं,
- आपके पारिवारिक सम्बन्ध प्रभावित हो सकते है ,
- आपके प्रोफेशनल रिश्ते ख़राब हो सकते है,
- आपके दुशमनों की संख्या बढ़ सकती है,
- आपकी सफलता प्रभावित होती है ,
- आपकी परेशानियां बढ़ सकती है ,
दूसरों को पीडा़ देने वाली वाणी न बोले :
सुंदर वाणी सभी को प्रिय होती है, कभी कभी कटु बचन जहर बुझे तीर से भी अधिक घातक होते हैं। जैसा कि ऊपर महाभारत के प्रसंग में पहले ही बता चुके है , द्रोपदी द्वारा कौरवों के लिए कटु वचनों का प्रयोग महाभारत के उत्तरदायी कारणों में एक था, हालाँकि इसके और भी कई कारण थे, उनकी विवेचना हमारा विषय नहीं है ,
कटु शब्दों के बुरे परिणाम
शब्दों में एक प्रकार की एनर्जी होती है, अच्छे शब्दों में पॉजिटिव एनर्जी और कटु शब्दों में नेगेटिव एनर्जी होती है, और आपको पता ही है एनर्जी किसी भी स्थिति को बदलने में समर्थ होती है , ऊर्जा को ख़त्म नहीं किया जा सकता है , इसका केवल स्वरुप बदल जाता है, अतः आप ये मान कर चलिए , आप जो भी कटु वचनो का प्रयोग करते हैं, उसके बुरे परिणाम आएंगे ही आएंगे , इसीलिए कहा गया है कि ,
तीर कमान से और मुँह जबान से एक बार निकल जाये तो वह कभी वापस नहीं आते।
नेगेटिव एनर्जी के प्रभाव भी नकारात्मक ही होते है , जो किसी के लिए भी बुरी स्थिति है , इसके तात्कालिक प्रभाव काम होते है, पर लॉन्ग टर्म में इसके बुरे प्रभाव देखने को मिल सकते है, अतः आपको भी अगर ऐसी आदत है तो उसमे तुरंत बदलाव लाने की कोशिश करें , आपको शीघ्र ही अपने जीवन में इसके सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेंगे।
कबीर दासजी का कहना है –
” ऐसी वाणी बोलिए मन का आपा खोय,
औरन को शीतल करे आपहुं शीतल होय। “
हमेशा ऐसी बोली का प्रयोग करे जिससे दूसरे का गुस्सा शांत करे, जो से दूसरों को शीतलता प्रदान करे तथा स्वयं को भी शीतलता महसूस हो सके।
कबीर दासजी का कहते हैं –
” मधुर वचन है औषधि कटु वचन है तीर,
श्रवण द्वार हो संचरे साले सकल शरीर।”
मधुर वचन दवा के समान है जो रोगों का निदान करती है जबकि कटु वचन तीर के जैसा चुभता है। कबीर दासजी कहते हैं मधुर वाणी कानो के द्वारा शरीर मे पहुंच कर उसे प्रभावित करती है अतः सकारात्मक विचारों के लिए वाणी मे मधुरता होना आवश्यक है।
वाणी की मधुरता ( safalta ki kunji and sweetness of speech hindi) पर कबीर दासजी कहते हैं-
” कागा किसका धन हर लेता कोयल किसको देती है,
केवल मीठे बोल सुनाकर बस मे सबको कर लेती है। “
कबीर कहते हैं कौआ और कोयल दोनो ही एक समान है लेकिन कौवे की कांव कांव की अपेक्षा कोयल की सुरीली आवाज सबका मन मोह लेती है।
Safalta ki kunji and Sweetness of Speech hindi: वाणी की मधुरता सफलता की कुंजी है।
वाणी की सुंदरता ब्यक्ति के आचरण और स्वभाव की सुंदरता को प्रकट करता है। ऐसा ब्यक्ति एक और जहां सबका प्रिय होता है वहीं दूसरी ओर यह ब्यक्ति की सफलता मे महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। दूसरों के प्रति संवेदनशील ब्यक्ति अनुकरणीय है तथा उसकी बात सभी मानते है। मधुर वाणी वाले ब्यक्ति का सामाजिक दायरा हमेशा बड़ा होता है वहीं तीखे बोल वाले ब्यक्ति का सामाजिक दायरा सीमित होता है। अतः ब्यक्ति को स्वयं के आचरण के प्रति हमेशा सावधान रहना चाहिए। कटु वचन सफलता के अवसरों को भी सीमित करता है।
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