Secret of Success in Life in Hindi. Rule of Success in Life in Hindi. जीवन मे सफलता का रहस्य। जीवन मे सफलता का सिद्धांत। जीवन मे सफलता के नियम।
Secret of Success in Life in Hindi – जीवन मे सफलता वह अवस्था है जिसकी कामना हर किसी को रहती है। अगर आप भी अपने जीवन मे सफलता पाना चाहते हैं तो यह पोस्ट आपके लिए है। यह पोस्ट (Secret of Success in Life in Hindi ) मैने अपने आज तक के अनुभव के आधार पर लिखी है। बहुत ही महत्वपूर्ण पोस्ट है, और अगर आप इस पोस्ट मे बताये गये निष्कर्षों को अपने जीवन मे उतारने मे कामयाब रहे ऐसा मेरा विश्वास है सफलता आपके कदम चूमेगी। तो आइये जानते है जीवन मे सफलता का रहस्य, या सिद्धांत ( Secret of Success in Life in Hindi) , जिसकी कामना हर किसी को है।
जीवन मे सफलता का रहस्य। जीवन मे सफलता का सिद्धांत। जीवन मे सफलता के नियम । ( Secret of Success in Life in Hindi )
ये तो आप सभी जानते ही होगें कि हमारी सफलता मे हमारी आदतों का योगदान लगभग शत प्रतिशत होता है। या इस तरह से कह सकते है हमारी आदतें हमारी सफलता सुनिश्चित करती है। तो कह सकते हैं सारा खेल आदतों का होता है। आपने भी अपने चारों तरफ देखा होगा कोई अत्यंत सफल है, वह जिस काम मे भी हाथ डालता है सफलता ही पाता है, कोई औसत रूप मे सफल है, तो कोई छोटी सी सफलता पाने के लिए भी संघर्ष कर रहा है लेकिन सफलता उसके हाथ नहीं लग रही है और कोई आंशिक रूप से सफल है यानि जीवन यापन कर रहा है।

हमारी आदतों के निर्माण मे महत्वपूर्ण भूमिका : ( Secret of Success in Life in Hindi. )
उपर दिये गये चित्र मे आप देख रहे होंगे मैने सभी मानव अंगों को 1 से लेकर 6 तक चिन्हित किया है। मानव इन 6 अंगों के द्वारा ही बाहरी दुनियां से तालमेल या कम्युनिकेशन करता है।
- 1. मस्तिष्क यानि दिमाग
- 2. हमारी इंन्द्रियां यानि आंख, कान, नाक, मुंह
- 3. भुजाएं यानि हाथ
- 4. दिल
- 5. जननांग
- 6. पैर
मानव जीवन को न केवल सुचारू रूप से चलाने के बल्कि उसके उत्तरोत्तर उत्थान के लिये सभी आवश्यक ब्यवस्था हमारे शरीर मे की गयीं है।
यहां पर सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कुदरत या भगवान ने इन अंगों की प्लेसमेंट मानव शरीर मे उनके महत्व ( Weightage ) के आधार पर की है। यानि जिस अंग की जितनी ज्यादा Weightage है उसको उतना ही उपर स्थान मिला हुआ है। मस्तिष्क की Weightage सबसे ज्यादा उसे सबसे उपर प्लेसमेंट मिली है। इसी प्रकार पैरों की weightage सबसे कम है , उसे सबसे नीचे का स्थान मिला है।
यह कुदरत की मानव के लिये की गई आदर्श ब्यवस्था है।
इसके मायने साफ है , कुदरत का हमारे लिए इशारा साफ है , मस्तिष्क का उपयोग सबसे अधिक करना है। वह हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। वैसे भी मानव मस्तिष्क का विकास जन्म के बाद भी दो तीन साल तक होता रहता है। यानि इसके विकास मे सबसे अधिक समय लगता है।
ब्यवस्था के अनुरूप दूसरे स्थान पर हमारी इंन्द्रियां है, हमारे आंख, कान, नाक और मुंह। इनका उपयोग कुशलता और चतुराई से किया जाना आवश्यक है। इसी प्रकार हमारी भुजाओं , दिल व और अंगों के लिये भी ब्यवस्था है। इस प्रकार से जिस अंग का महत्व ( weightage ) जितना अधिक है, उसे भी उतनी ही ऊंची प्लेसमेंट मिली हुयी है।
आदतों का निर्माण ( Secret of Success in Life in Hindi. )
आदतों के निर्माण मे ब्यक्ति का अपना weightage system काम करता है। उसका अपना weightage system कुदरत के सिस्टम से जितना भिन्न होगा ब्यक्ति उतना ही असंतुलित होगा। और इसी असंतुलन का प्रभाव उसकी आदतों मे होगा। आइये कुछ उदाहरण के द्वारा इसे समझते है।
पैरों की weightage सबसे कम है, पैर उग्रता, प्रतिरोध, और विरोध का परिचायक है। अब मान लीजिये किसी ब्यक्ति के लिए पैरों की weightage सबसे अधिक है, पहले तो इसका मतलब समझते है, इसका मतलब है वह ब्यक्ति आपसी विचार, ब्यवहार मे उग्र और विरोध करने वाला है। वह कहीं पर भी कसी से सहमत नहीं होगा। और तदनुसार उसकी आदतें भी विकसित होती जायेंगी, और कालांतर मे यही आदतें उसकी सफलता मे बाधक सिद्ध होंगी। वह परिश्रम भी कर रहा होगा, वह पैसा भी लगा रहा होगा, लेकिन उसे सफलता मे बाधाएं रहेंगी। वह समझ नहीं पायेगा कि उससे कमी कहां पर हो रही है।
एक और उदाहरण से इसे समझते है। कोई ब्यक्ति जिसके weightage system के अनुसार दिल पहले स्थान पर है। लेकिन कुदरत के सिस्टम के हिसाब से दिल की weightage चौथी है। उस ब्यक्ति के हर निर्णय मे दिल की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। उसी के अनुरूप उसकी आदतें विकसित होंगी। ब्यक्ति को हमेशा दूसरों से निराशा ही मिलेगी, क्योंकि उसके निर्णय दिल से प्रभावित होने के कारण ,वह दूसरों की सहायता आगे बढकर करेगा लेकिन क्या उसके साथ भी ऐसा ही होगा, इसकी गुंजाइश कम ही होगी, परिणामस्वरूप वह दुखी रहेगा।
अब मान लीजिये किसी ब्यक्ति के लिए जननांगों की weightage सबसे अधिक है, ऐसे ब्यक्ति कामुक और लम्पट स्वभाव के होते है। ऐसे ब्यक्तियों की वरीयता सैक्स होती है। तदनुसार उनका जीवन आगे बढ़ता है और आदतें विकसित होतीं है। सफलता कितनी मिलेगी यह कह पाना मुश्किल है।
इस प्रकार हम देखते हैं कि हर ब्यक्ति का अपना weightage system होता है। जो कुदरत के weightage system से 50%, 60%, 80%, या 95% मेल खा सकता है। बाहरी दुनियां से उसका तारतम्य भी वैसा ही होता है, और तदनुसार उसकी आदतें भी भी वैसी ही विकसित होगीं।
सफलता पाने के लिए यह जरूरी है ब्यक्ति का weightage system कुदरत के अनुरूप होना चाहिए, जिससे उसमे प्रभावशाली आदतें ( Secret of Success in Life in Hindi ) विकसित हो सके, जो उसकी समग्र सफलता मे सहायक सिद्ध हो सके।
आपको यह पोस्ट जीवन मे सफलता का रहस्य ( Secret of Success in Life in Hindi ) के माध्यम से जरूर अवगत करें।