Waseem Rizvi Biography in Hindi. जानिए कौन हैं वसीम रिज़वी ?

Waseem Rizvi Biography in Hindi – शिया वक्फ बोर्ड के भूतपूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी का जन्म लखनऊ उत्तर प्रदेश मे हुआ था, वे एक मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं। वे शिया मुस्लिम धर्म गुरु है , अभी हाल ही मे उन्होंने सनातन धर्म अपना लिया है, और उन्होंने अपना नाम बदलकर जितेन्द्र नारायण सिंह त्यागी रख लिया है। वे इस्लाम के अच्छे जानकार है। वे बेबाकी से अपनी राय रखने के लिये जाने जाते है और इसी वजह से वे विवादों मे भी रहते हैं।आइये वसीम रिजवी के जीवन ( Waseem Rizvi Biography in Hindi) से जुड़ी कुछ और बातें जानते हैं।
वसीम रिजवी का बायो / Wiki (वसीम रिजवी का जीवन परिचय- Waseem Rizvi Biography in Hindi )
वसीम रिजवी का असली नाम – सैय्यद वसीम रिजवी
वसीम रिजवी का निक नेम – वसीम रिजवी
वसीम रिजवी का नया नाम – जितेन्द्र नारायण सिंह त्यागी
वसीम रिजवी का जन्म – सन 1971 मे
वसीम रिजवी का जन्मस्थान – लखनऊ , उत्तर प्रदेश
वसीम रिजवी के पिता का नाम – NA
वसीम रिजवी के भाई का नाम – NA
वसीम रिजवी की पत्नी – दो विवाह
वसीम रिजवी का पेशा – राजनीति , फिल्म निर्माता
वसीम रिजवी के बच्चे – दो बेटियां और एक बेटा
वसीम रिजवी की शिक्षा – इंटरमीडिएट
विश्वविद्यालय – लखनऊ यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट
वसीम रिजवी की उम्र – 51 ( वर्ष 2021 में )
वसीम रिजवी की राष्ट्रीयता – भारतीय
वसीम रिजवी का धर्म – सनातन ( पूर्व मे इस्लाम )
वसीम रिजवी कौन है? ( Who is Waseem Rizvi ? – Waseem Rizvi Biography in Hindi )
शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमेन वसीम रिज़वी ने हिन्दू धर्म अपना लिया है, अब वे वसीम रिज़वी से जीतेन्द्र नारायण सिंह त्यागी बन गए हैं , मुस्लिम धर्म गुरुओ ने पहले ही इस्लाम विरुद्ध करार दिया है। उनके परिवार वालों ने उनका साथ छोड़ दिया है। परिवार वालों का कहना है कि इसमें वे वसीम के साथ नहीं हैं।
वसीम रिजवी की शुरूआती जिंदगी: (Waseem Rizvi Early Life – Waseem Rizvi Biography in Hindi )
वसीम रिज़वी के पिता रेलवे में कर्मचारी थे, वसीम उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष भी रह चुके हैं , वसीम जब छोटे थे , तब उनके पिता का निधन हो गया था। घर में सबसे बड़े होने के कारण परिवार की जिम्मेदारी उनके ऊपर थी। इंटरमीडिएट करने के बाद वे आगे की पढाई के नैनीताल चले गए। परिवार की जिम्मेदारी उनके ऊपर होने के कारण वे आगे की पढ़ी जारी नहीं रख सके।
वसीम रिज़वी काम के सिलसिले में सऊदी अरब चले गए और वह पर एक होटल में काम करने लगे। कुछ समाया बाद वे वहां से जापान चले गए और वहां एक कारखाने में काम करने लगे, इसके बाद वे अमेरिका चले गए और वहां कुछ समय के लिए उन्होंने एक स्टोर में भी काम किया।
कुछ समय बाद वे भारत लौट आये, अब उन्होंने अपनी राजनितिक पारी की शरुआत की और नगर निगम का चनाव लड़ा, साल 2000 में समाजवादी पार्टी की ओर से लखनऊ से नगर सेवक चुने गए। इसके बाद वे 2008 शिया वक्फ बोर्ड में शामिल हुए और चेयमैन के पद तक पहुँच गए, बोर्ड में वे लगभग 10 सालो तक रहे। साल 2012 में धन के दुरुपयोग के आरोप में उन्हें समाजवादी पार्टी से छः साल के लिए निष्काषित किया गया, बाद में कोर्ट ने उन्हें इस आरोप से बरी कर दिया।
वसीम रिजवी की फिल्म – ( Waseem Rizvi Movie )
वसीम रिजवी फिल्म निर्माता भी हैं, उन्होंने अयोध्या मुद्दे पर एक फिल्म भी बनायीं थी, जिसका नाम था ‘राम की जन्मभूमि ‘ , इस फिंल्म में उन्होंने खुद भी अभिनय किया था।
वसीम रिजवी विवादों में – (Waseem Rizvi in Controversy) / Waseem Rizvi News
वसीम रिज़वी देश की ज्वलंत समस्याओं पर खुल कर बोलते हैं, और अपनी बेबाक राय भी जाहिर करते हैं, वे उन सभी मुद्दों पर बोलते है जिनपर आमतौर पर राजनेता बोलने से बचते हैं, और शायद इसे वजह से वे विवादों में भी फसते है, वसीम रिज़वी से जुड़े विवाद है,
कुरान की 26 आयतों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल :
वसीम रिज़वी ने साल 2021 कुरान की 26 आयतों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, इसमें वसीम का कहना था की इन आयतों से आतंकवाद को बढ़वा मिलता है, सुप्रीम कोर्ट ने उनके याचिका को ख़ारिज का दिया , और उनपर ५० हजार का जुर्माना भी लगाया।
जनसंख्या नियंत्रण कानून का समर्थन :
वसीम रिज़वी का कहना है कि जानवरों की तरह बच्चे पैदा करने से देश को नुकसान हो रहा है, वसीम उन लोगों की भी आलोचना करते है जो यह मानते है कि बच्चो का जन्म प्राकृतिक है, इस तरह की सोच देश और सनाज के लिए नुकसानदेह है, कई कई बचो को जन्म देना देशहित में नहीं है, अगर जनसँख्या नियंत्रण कानून देश में लागू होता है तो यह बढ़ती आबादी के नियंत्रण में सहायक होगा।
इस्लामी मदरसों को बंद कर देना चाहिए :
वसीम रिज़वी का कहना है कि इस्लामी मदरसों को बंद कर देना चाहिए, यह देश के मुसलमानों के लिए अच्छे नहीं है, यहाँ आधुनिक शिक्षा नहीं दी जाती है, यहाँ मुस्लिम नौजवानों को धार्मिक कट्टरता सिखाई जाती है, यहाँ मुस्लिम नौजवानों के दिमाग में जहर घोला जाता है, बहुत से मदरसों में आतंकवाद की ट्रेनिंग दी जाती है। इन मदरसों को बंद करने से देश मजहबी कट्टरता से बच सकेगा। 2018 में वसीम रिज़वी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री को को पत्र लिख कर मदरसों को ख़त्म करने की मांग की।
हरे रंग का चाँद सितारे वाला झंडा धार्मिक झंडा नहीं है :
वसीम रिज़वी का कहना है की हरे रंग का चाँद सितारे वाला झंडा धार्मिक झंडा नहीं है यह पाकिस्तान की मुस्लिम लीग के झंडे जैसा है , इस झंडे को फरने वालो के खिलाफ कड़ी कार्यवाही हिनी चाहिए।
देश की विवादित छह मस्जिदों को हिन्दुओं को सौंप दे मुस्लमान :
वसीम ने देश के मुसलमानो से आग्रह किया है वे उन छह विवादित मस्जिदों को हिन्दुओं को सौंप दे जो मंदिरों की जगह पर बनी है, ऐसा करने से देश में धार्मिक सौहार्द आ सकेगा।
वसीम रिज़वी को यति नरसिंहानंद ने हिन्दू धर्म में शामिल कराया :
यति नरसिंहानंद ने वसीम रिज़वी को मंत्रोच्चार के बीच एक समारोह में हिंदी धर्म में शामिल कराया , वसीम रिज़वी ने यहाँ पर त्रिशूल और भगवा धारण किया, इसके बाद वसीम जीतेन्द्र नारायण सिंह त्यागी बन गए हैं।